जीवन एक संगर्ष है..
संगर्ष ही जीवन है....…
हमको तो आगे बढना है..
हर मुस्किल से लड़ना है...
हर मुस्किल से लड़ना है...
झुकाना नहीं रुकना नहीं....
हमको अब थकना नहीं...
हमको अब थकना नहीं...
वाव्धाये हो बधए हो …
सबको हमे हराना है …
कष्टों की अंधी आये....
या दुखो का पहर गिरे ….
मंजिल को हमे पाना है..
हमको तो बड़ते जाना है...
रहा है कठिन बहुत ….
मंजिल भी अभी दूर है...
पर पायेगे मंजिल को ...
इतनी तो हम में ताकत है …
इतनी तो हम में ताकत है …
लड़कर हर कठनाये से उनको हमे हराना है …
मंजिल को तो पाना है....
जीवन के इस संगर्ष को..
अब तो गले लगाना है...
अब तो चलते जाना है ...
AC
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