एक बार फिर जनता सडको पर है ...
एक बार फिर दिलो में आक्रोश है ...
मुद्दा अलग है ,पर सवाल वही है ...
आखिर हो क्या रहा है ...
आखिर हमारी सरकार कर क्या रही है ...
किस मुह से ये नेता वोट मागते है ....
जनता को शौक नहीं है सडको पर आने का ....
वो तो चैन से अपने घरो मे रहना चाहती है ..
मगर वो चैन है कहा ....
हर बार, बार बार ,जनता कब तक चिलाएगी ...
क्या हमारा शासन प्रसाशन कभी जागेगा ...
क्या उन्हें देश की कोई चिंता है ...
हर बार एक नये आश्वाशन के साथ ...
जनता अपने घर चली जाएगी ...
समाधान के इंतजार में ....
एक सवाल के साथ ...
आखिर कब तक ...
कब तक यही चलता रहेगा ?????
-AC
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