Featured post

भारतीय दर्शन और आधुनिक विज्ञान

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan भारतीय दर्शन विश्व के प्राचीनतम दर्शनो में से एक है इसमें अनेक वैज्ञानिक सिंद्धान्तो को प्रतिपादि...

safety of children

कैसे स्कूल चले हम ?

हर माँ बाप का सपना होता है के उनका बच्चा अच्छे से अच्छी शिक्षा ले और इसी सपने को पूरा करने के लिये वो अपने बच्चे को अच्छे से अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाते है और उन स्कूलों की मोटी फीस भरने के लिये अपना दिन रात सब लगा देते है।
मगर जब वो देखता की जिस महंगे स्कूल की शान और शौकत को देख कर वो बच्चे के भविष्य के सपने सँजो रहा था उसी स्कूल ने उससे उसका वो ज़िगर का टुकड़ा छीन लिया। तो तब उनके दिल पर क्या गुज़रती है उसका अनुमान हर सभ्य और सवेधनशील व्यक्ति लगा सकता है।
रोज नई घटनाओ को देखकर अब तो बच्चो को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। क्या होगा ऐसे समाज का जहाँ कुछ लोग इस हद्द तक गिर चुका है की मासूम बच्चो को भी नही छोड़ते।
और कैसे कहे इन स्कूल को शिक्षा का मंदिर जो सिर्फ कमाई का धंदा बन के राह गए है।
बच्चो के साथ दुष्कर्म, ह्त्या इससे बड़ा कोई अपराध नही हो सकता और इसके लिये उस अपराधी के साथ उस स्कूल प्रशासन पर भी कड़ी कार्येवाहि होनी चाहिए जिनके भरोसे माँ बाप अपने मासूम बच्चो को वहाँ भेजते है। और सरकार और प्रशासन को ऐसे स्कूलों की मानयता रद्द कर देनी चाहिये जो इतनी मोटी फीस लेने के बाद भी बच्चो को सुरक्षा नही दे पाते।
सरकार को भी स्कूलों के लिये नियम कड़े करने चाहिये और उनका कड़ाई से पालन भी करना चाहिये जो अपने देश के बच्चो को सुरक्षा ना दे पाए वो सरकारें भी किसी काम की नही।
आज हर माँ बाप को सावधान रहने की जरूरत है अपने बच्चे के स्वभाव में होने वाले छोटे बड़े बदलावों पर नज़र रखने की जरूरत है उसे अच्छे और बुरे का फर्क बताने जी जरूरत है। बच्चे को अनजान लोगों के साथ न छोड़े, अपने बच्चे को अच्छे और बुरे स्पर्श का फर्क समझाने का प्रयास करे  अपने बच्चे को समय दे और हर स्तिथि को अपने माता पिता से शेयर करने की आदत डालें।अगर वो कुछ कहना या बताना चाहता है तो उसकी बात पर ध्यान दे और उसे सुने और समझने की कोशिश करे।उसे अहसास दिलाय के आप हर वक़्त उसका साथ देगे। अगर बच्चे के वयवहार में अचानक कोई बदलाव दिखे तो उसे नज़रअंदाज़ ना करे। अगर उसे चुप रहने और अकेले रहने की आदत बन रही है तो उसे समझने जा प्रयास करे। अगर बच्चा किसी जगह या किसी व्यक्ति से कतराने लगे तो उसके कारण को समझने का प्रयास करे।
स्कूल में अगर आपको सुरक्षा में कोई चूक लगे या कोई लापरवाही लगे तो प्रबंधन से बात करने में कतराए नही।
अपने बच्चे की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करे।
और आज आवश्कयता के ऐसी घटनाओं के विरोध में सब एक साथ खड़े हो और स्कूलों और शाशन प्रशाशन की आंखों को खोला जाय ताकि किसी को न्याय मिल सके और आगे की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

-AC

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें